राहों में कांटे भी हैं, फूलों के साये भी,
हर मोड़ पे अंधेरा है, तो उजाले भी आएँगे।
गिरकर सँभलना ही तो ज़िंदगी का फ़लसफ़ा है,
जो ठोकरों से न डरा, वही मंज़िलें पाएँगे।
सागर की लहरों से टकराने दो कश्ती को,
हर तूफ़ान में छुपे हैं किनारे भी कहीं।
सिर्फ़ धूप का ग़म न कर ऐ मुसाफ़िर,
कभी बादलों के पीछे, छाँव के नज़ारे भी हैं।
जो हौसला रखे, वही जीतता है,
हर मुश्किल के आगे, नई रौशनी मिलती है।
रात जितनी काली हो, मायूस मत होना,
सुबह की पहली किरण में, ज़िंदगी खिलती है।
✨ ~ अनकही एहसास ✨
अगर आपको किसी खास मूड की शायरी चाहिए, बताइए! 😊
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